Maa Beti Delhi Me Bani Randiyan – Part 2

Arashdeep Kaur 2017-05-07 Comments

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वो दोनों जोर जोर से हमारी चूत में लंड आगे-पीछे करते हुए हमारी चूत का बाजा बजाने लगे और उनकी बजाई हुई धुनें हमारे मुंह से मदमस्त चीखों के रूप में बज रही थीं। वो अपनी गांड ऊपर-नीचे करके हमारी चूत चोद रहे थे और हम अपनी गांड पटक पटक कर उनका साथ दे रही थीं। उनके जोरदार झटकों से हमारे बड़े-बड़े बूब्ज़ डांस कर रहे थे। उन्होंने एक बार फिर जगह बदल ली, अब सतीश का लंड मेरी और संजीव का लंड मम्मी की चूत में खेल रहा था। पूरा कमरा फच्च फच्च की आवाजों, उन दोनों की जोशीली एवं कामुक आहों और मेरी तथा मम्मी की जोरदार मदमस्त चीखों से गूंज रहा था।

उन्होंने मुझे तथा मम्मी को बैॅड पर आमने-सामने घुटने मोड़ कर बैठा दिया। सतीश मेरे पीछे और संजीव मम्मी के पीछे खडा़ हो गया। उन्होंने हमारे सिर पकड़ कर मेरे तथा मम्मी के होंठ मिला दिए। हम दोनों एकदूसरे के होंठ चूमने लगीं और उन्होंने पीछे से हमारी गांड में लंड पेल दिया। वो बहुत जोर से हमारी गांड चोदने लगे और हम भी चूमना छोड़ कर गांड चुदाई का मजा लेने लगीं। हम गांड को गोल गोल घुमा कर लंड को गांड में हिलाने लगीं और वो हमारे मोटे-मोटे एवं गोल चूतडो़ं पर चपत लगाते हुए गांड की गहराई नाप रहे थे।

फिर उन्होंने जगह बदल कर हमारी गांड चोदी और हमनें गांड घुमा घुमा कर लंड का मजा लिया। उन्होंने लंड हमारी गांड से निकाल लिए और कमर पकड़ कर गांड ऊपर को उठा ली जिससे हमारी चूत उभर आई। अब संजीव मेरे पीछे था और सतीश मम्मी के पीछे। उन्होंने पीछे से अपना लंड हमारी चूत में घुसा दिया और हमारी चूत चोदने लगे। वो लगातार जोरदार शॉट मार कर हमारी चूत चोद रहे थे और हम अपनी गांड को तेजी से आगे-पीछे हिलाकर चुद रही थीं। उन्होंने एक बार फिर से जगह बदल ली और उसी अवस्था में हमारी चूत चोदने लगे।

अब सतीश का लंड मेरी और संजीव का लंड मम्मी की चूत का बाजा बजाने लगा। एका एक उनकी चोदने की स्पीड बड़ गई और हम भी उतनी तेजी से गांड आगे-पीछे करते हुए जोरदार चीखों से झड़ गईं। उन्होंने अपने लंड चूत से निकाल लिए और हमें घुटनों के बल नीचे बैठा लिया। वो हाथ से अपना अपना लंड हिलाने लगे। संजीव का वीर्य मेरे मुंह पर और सतीश का वीर्य मम्मी के मुंह पर गिरा।

उन्होंने हमें वीर्य को जीभ से चाटकर साफ करने को बोला। मैंने मम्मी के चेहरे से सतीश का वीर्य चाट खर साफ किया और मम्मी ने मेरे चेहरे से संजीव का वीर्य चाट लिया। हम दोनों उनका नमकीन एवं गाढ़ा वीर्य चखते हुए निगल गईं। हमनें बाथरूम में चेहरा साफ किया और बाहर आ गईं। हम चारों मिलकर और नंगे बैठ कर जग में बची हुई शराब पीने लगे।

अभी बची हुई बीयर की दो बोतल और आधी बोतल शराब जग में डाली ही थी कि सर्विस फोन बजा और सतीश ने उठाया। जितने टाईम केलिए उन्होंने रूम बुक किया था पूरा हो गया था। लेकिन उन्होंने पूरी रात केलिए रूम तथा हमें बुक कर लिया और बीयर तथा शराब मंगवा ली। उसके बाद रात में दो बार और चुदाई का रंगारंग प्रोग्राम चला। उन्होंने हमें बारी बारी से चोदा, पहले सतीश ने मम्मी को तथा संजीव ने मुझे और अपना वीर्य हमारी गांड में निकाल दिया।

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

दूसरी बार संजीव ने मम्मी को तथा सतीश ने मुझे चोदा और अपना वीर्य हमारे मुंह में छोड़ा। जाते टाईम उन्होंने हमें अपना कार्ड दिया। वो पानीपत की एक नामी कंपनी के मालिक थे और काम के सिलसिले में महीने में एक बार दिल्ली आते थे। हमें कहा जब कभी पानीपत आना हो तो फोन कर देना हम पिकअप कर लेंगें। उन्होंने यह भी कहा आज तक जितनी लड़कियों से उन्होंने चुदाई की है हम सबसे सेक्सी हैं और आज उनको चुदाई का सबसे अधिक सुख मिला।

सुबह आंटी रूम में आई और बहुत खुश थी। उसने 15000-15000 रुपए हमारे हाथ में दिए और बोली ये जो पैस तुम लोगों से किए थे। फिर 5000-5000 और दिए और बोली तुम से खुश होकर वो लोग टिप देकर गए हैं। मम्मी ने 5000 रख लिए और 5000 आंटी को देते हुए बोली ये आप रखो हमारी तरफ से गिफ्ट।

अगली कहानी तक सब को चुद्दकड़ अर्श का प्यार भरा सलाम। और मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.

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