Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 20

iloveall 2017-02-25 Comments

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मैंने बड़ी राहत की सांस ली। मैंने राज को कहा की वह डिनर हमारे यहां कर सकता है, क्योंकि मेरे वहाँ खाना तैयार था। राज थोड़ी देर चुप रहा फिर उसने कहा की वह थोड़ी ही देर में आ जायेगा। राज मेरे घर करीब दस बजे ही पहुंचा। उसने जब छान बिन की तो सब कुछ ठीक लग रहा था। मैं रसोई में खाना गरम करने में लग गयी। उसको समझ में नहीं रहा था की क्या दिक्कत थी। जब उसे थोड़ी देर लगी तो मैंने कहा पहले खाना खालें फिर बिजली को देखते है।

गुन्नू उस समय सो चुकी थी। राज और मैंने खाना खाया। राज ने खड़े होते हुए कहा की शायद बिजली का फ्यूज ही शार्ट हो गया था, उसे चेक करनेकी जरुरत थी। राज मेन स्विच चालु करने गए और मैं बर्तन साफ़ कर सब ठीक करने लगी थी की मेरा पूरा घर जगमगाहट से चमकने लगा। बिजली आ चुकी थी। अँधेरे में से प्रकाश में आते समय जैसे आँखें चौन्धिया जाती हैं वैसे ही हुआ। अचानक एक धड़ाम सी आवाज आयी। मैं घबराकर दौड़ी। मैंने राज की चीख सुनी।

मैं दौड़ कर जब राज के पास पहुंची तो देखा की राज एक टेबल से टकरा कर फर्श पर निचे बेहोश होकर गिरे हुए थे। शायद उन्हें बिजली का झटका लगा हुआ था। मैंने उन्हें उठाने की कोशिश की पर वह बेहोशी में थे। मुझे समझ नहीं आया की मैं क्या करूँ। मैंने एक गिलास में पानी ले कर राज के मुंह पर छिड़का तो धीरे धीरे उनकी आँखें खुली। लगता था उन्हें काफी दर्द हो रहा था।

राज की आँखें ठीक से देख नहीं पा रही थी। मेरी और एक पलक देखा और शायद वह मुझे पहचान नहीं पाए और टूटे फूटे शब्दों में बड़बड़ाये, “नीना मुझे बिजली का झटका लगा है। मुझे बिस्तर पर लिटा दो।“ राज मुझे नीना समझ रहे थे। राज को ऐसा लग रहा था की वह अपने घर में ही थे।

मैं चुप रही। उस वक्त मैंने राज को यह कहकर परेशान करना ठीक नहीं समझा की मैं नीना नहीं अनीता थी। मैंने राज के कान में फुसफुसाते हुए पूछा, ” क्या मैं डॉक्टर को बुलाऊँ?” राज ने आँखें मूंद ली और अपना सर हिला कर मना कर दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

राज एकदम धीमे स्वर में बोले की वोह ठीक हो जाएंगे बस उन्हें थोड़ा सर दर्द हो रहा था। राज के मुंह से थोड़े थोड़े समय के बाद एक छोटी सी आह निकल जाती थी। मुझसे राज का दर्द देखा नहीं जारहा था। मेरे लिए राज ने कितना जोखिम उठाया था। मुझे बड़ा दुःख हुआ। मैं राज को हलके से घसीट कर, खींचकर बैडरूम में पलंग के पास ले आयी। पर उन्हें उठाना मेरे बस में नहीं था। राज तभी भी आधी तन्द्रा में ही थे। बैडरूम में अँधेरा था। मेरे पास मौका नहीं था की मैं लाइट जलाऊं।

मैंने राज को कहा, “राज थोड़ा सा उठो और पलंग पर लेट जाओ।” राज ने फिर धुंधलाती नजर में आँखें खोली। राज को उठाते हुए उनका मुंह मेरी छाती में दबा हुआ था। शायद राज कुछ देख नहीं पा रहे थे। मेरे स्तन राज के मुंह पर दबे रहने के कारण मेरे बदन में मैं एक अजीब सी सिहरन का अनुभव कर रही थी। मेरे रोँगटे खड़े हो गए थे। जैसे ही मैंने राज को थोड़ा उठाया तो वह भी थोड़ा जोर लगा करउठे और पलंग पर लेट गए। मैंने राज को रजाई में ढक दिया तब अचानक राज ने रजाई के अंदर से मेरा हाथ पकड़ा और बोले, “नीना डार्लिंग मेरे पास आ जाओ और मेरा सर दबा दो?”

मैं क्या करती? चुपचाप मैं रजाई के अंदर राज के साथ घुसी और राज का सर दबाने लगी। जैसे ही मैंने रजाई में अपने पाँव घुसाए की मेरी नाइटी मेरी जांघों के ऊपर तक चढ़ गयी। क्योंकि मैं दोनों हाथों से राज का सर दबा रही थी, मैं अपनी नाइटी को ठीक भी नहीं कर पायी। ऐसा करते हुए मुझे राज के साथ सिमट कर लेटना पड़ा। मेरा सारा बदन राज से चिपका हुआ था। उस समय भी मेरे स्तन राज के मुंह से चिपके हुए थे। जैसे ही मैं राज का सर दबाने लगी तब राज के मुंह से “आह” सी आवाज निकलने लगी। राज को अच्छा लग रहा था। अचानक मैंने अनुभव किया की राज ने अपना मुंह खोला और मेरी नाइटी के साथ ही मेरे एक स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसे पहले हलके से चबाया और फिर उसे चूमने लगा।

मेरे लिए अपने आप को नियत्रण में रखना नामुमकिन हो गया। मैं राज के मुंह में अपने स्तनों का अनुभव कर जैसे पगला सी गयी । मेरा रोम रोम रोमांचित हो उठा था। राज के इतने करीब होने से मैंने राज के लन्ड को मेरी चूत पर ठोकर मारते हुए महसूस किया। शायद राज मुझे नीना समझ कर उत्तेजित हो रहे थे। उनका लन्ड उनके पाजामें में एकदम खड़ा हो गया था। एक पल के लिए मैंने सोचा की मैं राज को जगाऊँ और कहूँ की मैं उनकी पत्नी नीना नहीं अनिल की पत्नी अनीता थी। पर पता नहीं क्यों मैं कुछ भी बोल नहीं पायी।

मेरी छाती और मेरे स्तन राज के मुख से सटे हुए थे। मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी जब मैंने देखा की राज अधखुली तन्द्रा में एकटक मेरे फले फुले हुए स्तनों को बिलकुल अपनी आखों के सामने लगभग स्पर्श करते हुए देख रहे थे। राज को शायद यह एहसास हो रहा था की वह उनकी पत्नी नीना के नहीं बल्कि मेरे स्तन थे। कभी वह मेरे स्तनों को तो कभी वो मुझे देख रहे थे। ऐसे लग रहा था जैसे वह मेरे स्तनों को छूने और चूमने के लिए मेरी इजाजत चाहते हों। मैं चाह रही थी की वह मेरे दोनों स्तनों को मेरी नाइटी हटाकर नंगा कर दे और पकडे और जोर से मसल दे और अपने मुंह में लेकर उन्हें चूसे और काटे।

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