Chudai Ki Pyaasi, Ek Andhi Ladki – Part 1

findfuckforget 2016-07-01 Comments

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उसके चुप होते ही कमरे मैं सन्नाटा छा गया, कुछ देर बाद वह बोली सॉरी सर मेरे मुंह से गन्दा शब्द निकलने वाला था. उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गया और बोल की कोई बात नहीं आशु।

कुछ देर बाद उसने बोला सर मैं ठीक कह रही हु न, कोई नहीं करेगा न मुझे प्यार, मैं तरसती रह जाऊंगी सारी ज़िंदगी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।

मैं समझ चूका था कि इस लड़की कि चूत में चुदाई के बहुत कीड़े रेंग रहे है और इसको जैसे तैसे लण्ड चाहिए, मैंने अपनी चेयर से बिना उठे उसे चुप रहने को बोला पर जैसे ही उसने चुप किया, वैसे ही वही सवाल पूछा क्या आप करोगे अंधी लड़की से फ्रेंडशिप।

उसकी बात सुनकर पहले तो मेरे मन मैं आया कि मैं अभी इसको टेबल पर लिटाके चोद डालूं और इसके चूत के अंदर की आग बुझा दूँ और उसकी चूचियाँ की वजह से तो पहले ही मेरा भी लण्ड तन कर पैंट फाड़ने को बेक़रार था।

मैं उठने लगा पर तभी मैं सोचा की यार यह तो मेरा चोदने का स्टाइल नहीं है और मेरी शादी हुए को भी अभो दो महीने हुए थे। कहीं यह आशु मेरी चुदाई के बाद सीरियस न हो जाये क्यों की आपने तो पिछली कहानी मैं पढ़ा ही है की मैं कैसे चुदाई करता हूँ।

मेरी की गयी चुदाई को भूलना आसान नहीं है और इसने तो अभी किसी का लण्ड भी नहीं चखा है। यह तो मेरे बारे में सब जानती है मैं नहीं चाहता था कि मेरी और इसकी बदनामी हो जाये। मैं उठते उठते बैठ गया और वह रोती रही।

उसको रोते देख मैं बोला आशु तुम फ़िक्र न करो और कोई न कोई तुम्हारे लिए भी होगा जो तुम्हे प्यार करेगा और वह सब करेगा जो आम लड़कियों के साथ होता है और मुझे पूरा विशवाश है कि यह सब जल्द होगा। मेरी बात सुनकर वह शर्मा गयी और बोली कि सर आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हो??

मैंने उसका सवाल सुनकर सोचा कि अब मैं इसको क्या कहूं कि मुझे इतना यकीन क्यों है मैंने कुछ देर सोचा और बोला आशु यहाँ लुधिआना में फिरोज़पुर रोड पर एक पीरों-पैगंबरों की जगह है, तुम वहां जाकर मन्नत मांगो मैंने सुना है की वहां हर मन्नत पूरी होती है, तुम भी वहां जाकर मन्नत मांगो, मुझे पूरा यकीन है कि तुम्हारी मन्नत पूरी होगी और तुम्हें भी प्यार करने वाला (यानि के चोदने वाला मिल ही जायेगा) उसने मेरी बात सुनकर हां में सर हिलाया और बोली ठीक है में इस वीरवार को ही जाऊंगी मन्नत मांगने और देखती हूँ आप कि बात कितनी सच्ची है।

वो दिन वैसे ही उससे बाते करते करते बीता और उसके कुछ दिन बाद उसने मुझे बताया कि वह कल मन्नत मान कर आई है। उसने कहा कि अगर उसकी मन्नत न पूरी हुई तो वह मुझे ही अपना बॉय फ्रेंड मान लेगी. मैं उसकी बात सुनकर हँसा और बोला ठीक है आशु अगर मन्नत न पूरी हुई तो तुम जो बोलोगी में करूंगा।

दोस्तों आप लोग सोच रहे होंगे कि मुझे कैसे पता कि उसकी मन्नत पूरी होगी, तो दोस्तों उसकी मन्नत पूरी होने वाली थी, जानते हो क्यों होने वाली थी उसकी मन्नत पूरी..

क्यों कि उस दिन उसको रोते हु देख कर मैंने फैसला कर लिया था कि मैं इसको ज़रूर चोदुंगा और ऐसा चोदुंगा कि यह सुबह शाम मेरे लण्ड कि आरती उतारते हुए नहीं थकेगी।

पर मैं चाहता था कि मेरी पहचान इसके सामने गुप्त रहे और मैं इसको कुछ साल चोदता भी रहूँ और फिर शुरू हुई प्लानिंग आशु को दबा के चोदने क़ी और आप जानते है कि मेरा प्लान तो का गजब का होता है।

कुछ दिन सोचने के बाद मैंने एक ज़बरदस्त प्लान बनाया कि आशु को चोद भी दूँ और उसको पता भी न चले कि कौन चोद गया, मेरे पास आशु का मोबाइल नंबर तो था पर मैने कॉल करना ठीक नहीं समझा क्यों कि आशु मेरी आवाज पहचान सकती थी। पर मैंने आशु को किसी न किसी तरह से छेड़ना शुरू कर दिया।

क्यों कि मुझे पता था कि वह चुदाई के लिए मरी जा रही और किसी कि भी हरकत का जवाब नहीं देगी और अंधी होने के कारण किसी को देख भी नहीं सकती थी कि उसे कौन छेड़ रहा है हमारे ऑफिस में सत्ताइस लोग थे और शरारत तो कोई भी कर सकता था।

इसी लिए मैने कभी वह किसी काम के लिए झुकती तो मौका देख कर में उसकी कुंवारी गांड में हलकी सी ऊँगली दे देता कभी चुटकी काट देता।

कभी उसकी चूचियों को दबा कर पीछे हट जाता, धीरे धीरे उसको भी इन सब बातों में मज़ा आने लगा, वह जान बूझ कर बार बार झुकती अपनी गांड को उठा उठा कर चलती कभी स्कर्ट पहनकर और कभी पतली सी परदर्शी सलवार पहन कर आती ताकि जो उसको छेड़ता था वह उसे और छेड़े, वह मुझे छोड कर सब पर शक करती थी क्यों कि मुझे तो वह पहले ही फ्रेंडशिप ऑफर कर चुकी थी।

इसी लिए वह जो कुछ उसकी साथ हो रहा था सब मुझे बता देती थी, में भी उससे बार बार कहता था कि तुम्हारी मन्नत अब पूरी होने वाली है और मन ही मन में हस देता था, कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा और फिर वह दिन आया जिस दिन उसकी सील तुड़वाई और और उसकी ज़िंदगी का पहला लण्ड मिलने वाला था।

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