Himanchali Mami Rupa Ki Kabz

Dilwala Rahul 2016-06-16 Comments

(मेने अपना लण्ड अंदर बाहर करना शुरू किया, मामी ने सिसकारियाँ और आहें भरनी शुरू करी, मेरी चुदाई की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी थी, मेरी रफ़्तार में धीरे धीरे बढ़ोतरी हो रही है और मामी की सिस्कारियों में, मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू किये)

मैं- अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओये ओये मामी आह्ह्ह्ह बस हो गया आह्ह्ह्ह अह्ह्ह

मामी- जल्दी कर, अह्ह्ह्ह्ह मार दिया इस लड़के ने तो आह्ह्ह्ह हाये मा, गयी मैं, मर गयी आज्जज्जज्जज्जज.. उफ्फ्फ्फ उम्मम्मम्मम्म..

मैं- अह्ह्ह्ह्ह बस्स्सस्स हो गया मामी अह्ह्ह्ह… उफ्फ्फ्फफ मार डाला अह्ह्ह्ह….

(चोदते चोदते मैं मामी की गांड में झड़ जाता हूँ और सारा वीर्य मामी की गांड के छेद के अंदर छोड़ देता हूँ और लण्ड बाहर निकलता हूँ और नाक मामी की गांड के छेद में रख देता हूँ और पाद का बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ)

मैं- मामी पाद, जल्दी पाद मामी, मेरी नाक इंतजार कर रही है गैस का, जल्दी मामी, जल्दी, फ़ास्ट, कम ऑन मामी….

मामी- आने वाली है भांजे, नाक लगा छेद में, जल्दी आई आई आई आई

( पुर्रर्रर्रर्रर्र पुर्रर्रर्रर्रर्रर्र पुर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र पुरर्रर्रर्रर्रर्रर्र और मामी ने जोरदार पाद मारी जिसकी आवाज़ में भी गर्जन है और खुशबू में भी भारी महक जिसे सूंघकर मेने स्वर्ग की अनुभूति हिमाचल में ली, मेरे लण्ड में भी मामी का गू लगा है, उँगलियों में भी जिसे मेने चाट कर साफ कर दिया, मामी अपनी इस जोरदार पाद से बहुत खुश हुयी और पीछे पलटी तो मेरे लण्ड को देखकर चौंक गयी)

मामी- हाये दय्या, ये क्या, बेशर्म, क्या किया तूने मेरे साथ, 5वीं ऊँगली यही थी क्या?

मैं- हाँ मामी, लेकिन इसकी वजह से तेरी कब्ज निकल गयी, तुझे इसका सम्मान करना चाहिए.

मामी- हाये रे, इतना बड़ा लुल्ला है ये, तुझे शर्म नहीं आती क्या?

मैं- तू भी तो गांड खोलकर उलटी बैठी थी मेरे सामने तुझे शर्म नहीं आती क्या, बेशर्म औरत.

मामी- तमीज से बात कर राहुल, बत्तमीज कहीं का.

मैं- चुप रांड साली, गांड का छेद चुदवाती है भेन की लौड़ी, मुझे बेशर्म बोलती है.

मामी- मादरचोद मेरे घर में मुझे गाली देता है साले.

मैं- हाँ माँ की लोड़ी तुझे देता हूँ, चिनाल कहीं की, रंडी औरत, वैश्या साली, भेनचोद.

मामी- तेरी माँ की चूत साले राहुल, तेरी बहिन की चूत हरामी.

मैं- गाली देती है बहिन की लौड़ी, तेरी माँ का भोसड़ा.

(और मैं मामी को थप्पड़ मारता हूँ और उसका सलवार फाड़ कर उसके दूध को आजाद कर देता हूँ, काले खड़े बड़े निप्पल देखकर मुझे कुछ होने लगता है और मैं उसे पकड़ कर जबरन उसकी चूत में लण्ड पेल देता हूँ, वो गाँव की अनपढ़ विरोध करती है लेकिन मेरी ताकत के सामने वो असफल हो जाती है, अब मेरा लण्ड गोरी मोटी ताजी सुडौल मामी की चूत के अंदर समाया हुआ है, और मेने चुदाई शुरू कर दी, मामी की आँखों में आंसू हैं और एक गाल लाल हो गया है जिसमे मेने थप्पड़ जड़ा है, वो रो रही है और मैं पागलों की तरह चुदाई कर रहा हूँ)

मामी(रोते हुए)- हरामी, बदमाश, एक नम्बर का कमीना, साले तेरी माँ को बताउंगी क्या किया तूने मेरे साथ अह्ह्ह्ह्ह… छोड़ मुझे अह्ह्ह नाहीईई उईईईईई…

मैं- मामी, मेरी जान, आज चोद लेने दे अपने भांजे को, रोक मत, आज तू भी मजे ले मेरी रांड.

मामी- अजह्ह्ह्ह्ह नही नहीं रुक जा अह्ह्ह्ह उईईई, हाय अम्मा गगयी ईईई मैं तो….

(अब मामी को पता चल गया की मेरी ताकत के सामने उसका कोई वश नहीं चलने वाला तो वो भी मेरा साथ देने लगी, हम चुदाई कर रहे हैं, मेरी मोटी मामी चुदाई के साथ साथ उछल रही है जिसकी वजह से उसकी चूड़ियाँ खनक रही है, मैं कभी उसके गले में चूम रहा हूँ कभी उसके स्तन में, उसके गले के काले धागों को अपने मुह में भर रहा हूँ, कभी मंगलसूत्र को चूम रहा हूँ, मामी के पैरों में भी काले धागे बंधे हैं जो गोरे मोटे मोटे पैरो की शोभा बढ़ा रहे हैं, अब हम दोनों मस्ती में चूर हो गए, साँसे तेज चलने लगी, और चुदाई की रफ़्तार भी तेज़ हो गयी)

मामी- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भांजे, तेज़ तेज़ और तेज़ भांजे, गईईईईईई उफ्फ्फ्फ्फ हाये मम्मी, बचाओ पापा जी उफ्फ्फ्फ्फ, मार दिया रे इसने तो…हाये भांजे अह्ह्ह्ह्ह

मैं- मामी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी रानी, मेरी रांड, मेरी बीवी, भेनचोद में झड़ने वाला हूँ,, अह्ह्ह्ह्ह, आया आया या या या अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ ओये होये आया अह्ह्ह्ह

मामी- भांजे, बाहर झड़ना, वरना गोद भर जायेगी मेरी, अह्ह्ह्हह्ह् बाहर झड़ना भांजे अह्ह्ह्ह्ह चोद चोद तेज़ तेज़ चोद अह्ह्ह.

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

(मामी और भांजे की आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा और अंतिम चरम पर पहुच कर मैं मामी की चूत में ही झड़ गया और मामी भी साथ साथ झड़ गयी, हम दोनों ने पानी छोड़ा, और एक दूसरे से लिपट गए, एक दूसरे को चूमने लगे, जीभ से जीभ मिलाने लगे, अचानक मामी ने एक जोरदार आवाज के साथ पाद मारी और हम ऐसे ही पड़े पड़े हंसने लगे, फिर मेने रात भर मामी की पाद सूंघी और रात भर अपना मुह मामी की गांड के अंदर दबोच कर सोया रहा)

Sex Stories In Hindi

**इस कहानी के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा**

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