Chacha Ji Ne Ki Meri Pehli Chudai

sidhiravish 2018-02-28 Comments

सभी पढ़कों को मेरा नमस्कार! मैं हूँ सिद्धि और यह मेरी पहली कहानी है जो मेरे पहले सेक्स पर आधारित है, मेरे चाचा और मेरी पहली चुदाई की कहानी, आप सभी मन लगा कर पड़े! आपको सेक्स के दौरान कुछ नई चीज़ करने के बारे में पता चलेगा!

मेरा नाम सिद्धि है मेरी उम्र 21 साल है, मेरा फिगर साइज 36-28-34 इंच है, रंग सांवला और लम्बाई 5-2 है! मेरे बूब्स एक दम बढ़िया गोल आकर के हैं मुझे कप शेप ब्रा बहुत पसंद है.

क्यूंकि गांव की होने की वजह से मेरा लड़कियों के महंगे सामान की लालसा बनी रहती है, मेरे घर का माहौल कुछ ज्यादा ठीक नहीं था, पापा और दादा सब गलियां दे कर ही बुलाते है अपने घर की औरतों को इस वजह से में गालियों को बहुत पसंद करती हूँ.

जब मुझे कोई गली दे कर बुलाता है तो मेरे अंदर एक वासना पैदा हो जाती है, मैं अपने चाचा के साथ रहती हूँ मेरे माँ और पापा गांव में रहते हैं, मेरे चाचा का एक छोटा लड़का है जो 12 साल का है, मैं उन सब के साथ दिल्ली के पास नजफगढ़ में रहती हूँ.

मेरे चाचा की उम्र 45 साल है और चाची अब नहीं रही, इस लिए मेंरे चाचा और उनके लड़के का ख्याल रखने के लिए मेरे घर वालों ने मुझे यहां भेज दिया, हमारे गांव में लड़कियां ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं होती हैं, में भी 12वी तक ही वहीं के गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल में पढ़ी हुई हूँ.

अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ जब मैंने अपनी चुत की सील तुड़वाई, साथियों यह बात तब की है जब मैं अपने चाचा के साथ नजफगढ़ उनकी सेवा करने क लिए आयी थीं.

मेरे चाचा जी की लम्बाई 5’9″ है और उनका बदन बहुत सुडोल है, वो अभी भी जीम जाया करते हैं और उनका रंग थोड़ा काला है पर उनके शरीर की वजह से मैं उनकी और आकर्षित होने लगी थी.

मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था, बस ये पता था की सेक्स से थोड़ा दर्द होता है, आज तक कभी किसी लड़के का स्पर्श तक नहीं हुआ था तो मुझे इस का कोई अनुभव नहीं था.

चाचा भी प्राइवेट कंपनी में काम किया करते थे, पर चाची के बाद वहां काम छूट गया और अपना ही लड़कियों के कपडे बेचने का काम शुरू कर दिया.

मेरे चाचा बहुत नए तरह के कपडे लाया करते थे, मैंने ऐसे कपडे कम ही देखे थे, गांव में बस सूट और सलवार के अलावा बीएस साड़ी ही थी, में नये कपडे और ब्रा को देख कर बहुत खुश हुआ करती थी, कभी कभी मैं वो ब्रा डाल भी लिया करती थी.

मैं और चाचा जी एक ही बेड पर सोया करते थे, किराये पर घर था और बेड एक ही, कमरा और किचन और बाथरूम था उनका लड़का शोभित अपने नाना के यहां पड़ता था.

जैसे-जैसे दिन निकलते गए, मैं और चाचा जी एक दूसरे को पसंद करने लगे, वो मेरे लिए बहुत सी अच्छी खाने की चीज़ लेन लगे, चाचा जी मेरे साथ खूब घुल मिल गए.

उनका मेरी तरफ आकर्षण बढ़ता जा रहा था, वो मेरे बूब्स (चूचे) को वासना भरी नजर से देखा करते थे, मुझे थोड़ा अजीब सा लगा करता था पर एक ख़ुशी सी भी मिला करती थी.

अब उनका हौसला बढ़ता गया, उनका मेरे जिस्म के कामुक अंगों पर स्पर्श बढ़ने लगा, पर मैं इस बात पर ध्यांन न देती और उनके हाथों को बहुत महसूस करती की वो कहाँ जा रहे है. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!

कभी मेरी गांड को तो कभी कभी मेरे बूब्स को छू लिया करते और इस तरह से करते जैस उनको कुछ पता ही नहीं मैंने उन्के पेण्ट में भू बार उभर देखा, मनो अंदर से कोई बाहर आना चाह रहा हो.

वो मेरे सामने अब कुछ न कुछ ऐसा करते जिस से वो अपना लिंग मुझे दिखा सकें, कभी बिना कच्छा डेल बेड पर तौलिया बांध कर मेरे सामने आ जाते, उसमे उन्के लौड़े का आकर साफ़ साफ दीखता था.

मैं आँखे नीची कर के उन्के सामने से चली जाती पर उनका ये काम बिलकुल भी बंद नहीं हुआ, एक दिन वो अपना तौलिया थोड़ा ढीला बाँध कर आये और जब मेरे सामने आये और बात करने लगे तो वह खुल गया और उनका लौड़ा मेरे सामने सजदा करे खड़ा था.

उन्के लौड़े का देख कर मेरे होश उड़ गए, उनका लौड़े का रंग एक दम काला कोयले जैसा और उस पर इतने बाल थे उनके लंड के नीचे का हिस्सा दिख भी नहीं पा रहा था.

उनके बालों का झरमुट में खोने का मन कर रहा था, में एक टक देखती रही फिर खुद को थोड़ा संभाला, आँखों को बंद किया और चाचा जी ने भी अपना तौलिया एक दम उठया और सॉरी बोल कर अंदर चले गए.

मैं उनके लिए खाना बनाने के लिए चली गयी और फिर उनको खाना दिया, वो बिलकुल भी डरे हुए नहीं थे उन्होंने ये सब जान भुझ कर किया था, मुझसे रोज की तरह ही बात कर रहे थे.

मैंने भीं फिर बात ठीक से की, उनके जाने के बाद मैं सारा दिन उनके लौड़े के बारे में ही सोचती रही. बार बार उनके लोडे का काला रंग और उनकी झांटे मेरे सामने आ रही थी.

मैं उनके लोडे क बारे में ही सोची जा रही थी, उनके लोडे के बारे में सोच सोच के मैं गर्म होती जा रही थी, मेरे चूचे का अगला भाग (निप्पल्स ) सख्त हो गए थे, मुझे ऐसा अहसास पहली बार हुआ था, मेरी चुत में अजीब सी हलचल हो रही थ, मनो वो कुछ मांग रही हो.

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