Mosere Bhai Ke Kuware Lund Ka Maja

Arashdeep Kaur 2017-01-12 Comments

घर की संभाल और रणबीर एवं मौसा जी के खाने-पीने का ख्याल रखने के लिए मुझे बुला लिया। रणबीर के साथ अकेले रहने की बात सुन कर मैं बहुत खुश हुई क्योंकि मुझे नया लंड चोदने वाला था ओर रणबीर को पटाने की जरुरत नहीं थी वो तो पटा पटाया था। मैं रणबीर से चुदाई के बारे में सोचते-सोचते मौसी के घर पहुंच गई। मेरे पहुंचने पर सब जाने को तैयार थे। मौसी ने मुझे किचन के बारे समझाया और चले गए।

अभी दिन के 11 बजे थे और रणबीर को 2 बजे बजे घर आना था। उनका घर उनके खेतों के बीच में है और गांव से काफी हट कर । वहां कोई आता-जाता नहीं है। मैंने गेट को ताला लगाकर सामान अंदर रखा और वोदका की बोतलें एवं सिगरेट के पैकेट अलमारी में छुपा दिए। मैंने काले रंग की लोअर और पतला सा गुलाबी टॉप पहन लिया।

मैंने नीचे से ब्रा और पैंटी नहीं पहने और चुदाई के लिए तैयार थी। मेरे टॉप से मेरे बड़े-बड़े बूब्ज़ और नाजुक पेट दिख रहा था जो मैंने रणबीर को उत्तेजित करने केलिए पहना था। मैंने वोदका की बोतल और सिगरेट का पैकेट निकाल लिया और कंप्यूटर चालू कर कर पोर्न मूवी की सीडी चला दी। मूवी देखते-देखते मैं शराब पीने लगी और बाहर खुले आंगन में जाकर सिगरेट पी लेती। 1:30 बजे तक मैंने पांच सिगरेट और आधी से ज्यादा बोतल चढ़ा ली थी।

मैंने सब कुछ फिर सए छुपा दिया और टेबल साफ कर दिया। मैंने बाथरूम में जाकर ब्रश किया और माऊथ फ्रेश से मुंह साफ किया ताकि मुंह से शराब और सिगरेट की बदबू न आए। मैं बाथरूम से बाहर आ गई और गहरे बादल छा चुके थे। मैं रणबीर का इंतजार करने लगी और बारिश भी शुरू हो गई। थोड़ी देर बाद रणबीर आ गया और मैं गेट खोलने चली गई। वो बारिश से भीगा हुआ था और मैं भी भीग गई। रणबीर जल्दी से अंदर आ गया और मैं गेट बंद करके आ गई।

मैं पूरी तरह भीग चुकी थी और मेरा टॉप मेरे बदन से चिपक गया। मेरा पूरा जिस्म टॉप से दिखने लगा और मेरे बूब्ज़ के निप्पल और नाभि भी दिखने लगी। मैं ऐसे ही रणबीर के सामने आ गई। वो मुझे देखकर बहुत खुश हुआ और मुझे कस कर बांहों में भर चिपक के मिला और मैं भी वैसे ही गर्मजोशी से चिपक कर मिली। मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में गढ़ गए। वो अपने कपड़े बदलने चला गया और मैं किचन में खाना गर्म करने लग गई।

मैं ऐसे ही भीगे कपडों में खाना लेकर अंदर आ गई और रणबीर वहां सिर्फ टॉवेल में बैठा था। मैंने खाना टेबल पर लगा दिया और हम दोनों खाने लगे। मैं उसके सामने बैठी थी और वो बार बार मेरे बूब्ज़ को घूर रहा था। मैंने खाना खाने के बाद रणबीर से कहा कि मुझे बहुत थकान हो गई है और बहुत नींद आ रही है। मैंने उसको शाम को बातें करने को कहा शर दूसरे रूम में जाकर कपड़े चेंज किए। मैंने रणबीर का बरमूडा पहन लिया और अपना सफेद टॉप जिसका गला बहुत गहरा था। रणबीर कुर्सी पर बैठा हुआ था और मैं उसकी तरफ मुंह करके लेट गई और मेरे आधे बूब्ज़ टॉप के गले से बाहर छलकने लगे।

मुझे मालूम था आगे क्या होने वाला है। करीब 20 मिनट बाद रणबीर ने मुझे दीदी दीदी कहकर दो बार आवाज़ दी लेकिन मैंने गहरी नींद में होने का ड्रामा किया। वो कुर्सी से उठकर मेरे पास आ गया और मेरी भरी हुई जांघों को सहलाने लगा। आज वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित लग रहा था और मेरे टॉप में हाथ घुसा कर धीरे-धीरे दबाने लगा और मेरे निप्पल सावधानी से दबाने लगा। उसने मेरा एक बूब टॉप से निकाल लिया और मेरा निप्पल मुंह में भरकर हल्के-हल्के चूसने लगा। मैं काम ज्वाला में जलने लगी।

रणबीर ने मेरे नर्म होंठों पर अपना लंड रगड़ना चालू किया और बरमूडा में हाथ डालकर मेरी गांड सहलाने लगा। मेरा दिल किया कि उसके लंड को मुंह में भरकर चूसने लग जाऊं लेकिन अभी मैं उसको और तड़पाना चाहती थी। उसने मेरे हाथ में लंड दिया और हिलाने लगा। मैंने आंखें खोल लीं और रणबीर को देखा। वो बिल्कुल नंगा होकर अपनी आंखें बंद किए हुए मेरे हाथ से मुट्ठ मारने का मजा ले रहा था। मैंने रणबीर का लंड जोर से पकड़ लिया और उसने आंखें खोल कर मेरी तरफ देखा।

मुझे जागती देखकर रणबीर डर गया और घबरा गया। वो इतना डर गया कि उसका लंड जो अभी फुंकारे मार रहा था एकदम से बेजान हो कर ढीला हो गया। मैंने उसके डर को दूर करने केलिए उसको आंख मारी और उसके लंड पर चुम्मा ले लिया। मेरी इस हरकत से रणबीर कुछ नॉर्मल हुआ और मैंने उसको बैॅड पर पास बैठा लिया।

मैंने बात को आगे बढ़ाने केलिए कहा, रणबीर घबरा मत यार ये इस उम्र में आम बात है। लेकिन ऐसे चोरी-छिपे ये करने की आदत से नाराज़ हूं। तुम तो मेरे प्यारे भाई हो और तुम मुझे कह देते तो मैं खुद ही कर देती। रणबीर ने कहा कि आपको ऐसी बात बोलने में शर्म आती है दीदी। मैंने पलटकर जवाब दिया, जब अपनी दीदी के बूब्ज़ दबाता है, गांड सहलाता है, होंठों पर लंड रगड़ता है और दीदी के हाथ से माल निकालता है थब शर्म कहां होती है। उसको समझ आ गई थी कि वो जो हरकतें करता है वो सब मैं जानती हूं और वो सिर नीचे करके बैठा रहा।

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