Mosere Bhai Ke Kuware Lund Ka Maja

Arashdeep Kaur 2017-01-12 Comments

मैं बैॅड पर बैठ गई और कहा चल आ जा तेरा माल निकाल दूं। रणबीर ने कहा अब तो मेरा लंड मुरझा गया है। मैंने कहा तूने अभी अपनी दीदी का जलवा नहीं देखा। मेरे जलवे के सामने तो बूढ़ों के लंड खड़े हो जाते हैं, तू तो अच्छा खासा जवान है। मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ लिया और हिलाते हुए कहा अरे यार तेरा लंड तो बहुत जानदार है, अभी तक कितनी लड़कियों को चोदा है। मुझे लगा 3-4 बोलेगा लेकिन उसका जवाब सुनकर मैं हैरान हो गई। उसने आज तक सेक्स नहीं किया था। मेरे दिल में कुंवारे लंड से चुदाई के बारे सोच कर गुदगुदी होने लगी।

मैंने अपना सिर रणबीर की गोद में रख लिया और उसके लंड को चूमते हुए पूछा, फिर जो तू करता है वो कहां से सीखा। रणबीर ने बताया कि वो पोर्न मूवीज देखता है और रात को सोती हुई अपनी बहन से भी ये सब करता है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

अब रणबीर फिर से गर्म होने लगा और उसका मोटा लंबा लंड तन कर खड़ा हो गया। मैंने उससे कहा तू भूल जा कि हम भाई-बहन हैं और ये सोच जो पोर्न मूवी तूने सब से लास्ट में देखी हम वो लड़का-लड़की हैं। तुम वैसे ही करना जैसे मूवी में लड़का करता है। उसने कहा कर तो लूंगा दीदी लेकिन आपको दर्द होगा। मैंने उससे कहा चुदाई में दर्द नहीं मजा आता है। रणबीर ने पूछा तो फिर पोर्न मूवीज में लड़कियां चिल्लाती क्यों हैं तो मैंने कहा अरे पागल वो दर्द से नहीं मस्ती में चिल्लाती हैं।

रणबीर ने मेरा टॉप निकाल कर खड़ी कर दिया और बरमूडा निकाल कर मुझे कुर्सी पर बैठा दिया। रणबीर कुर्सी के पीछे खड़ा हो गया और मेरा चेहरा ऊपर उठा लिया। उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया और अपने हाथ मेरे बड़े-बड़े बड़े-बड़े बूब्ज़ पर रख दिए।

उसके इस तरह चूमने का स्टाईल मुझे बहुत सेक्सी लगा, हम एक-दूसरे का निचला होंठ मुंह में खींच कर चूसने लगे। हम पूरी तरह पागल हो चुके थे और एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और एक-दूसरे की जीभ को जोर जोर से चूसने लगे। हम सेक्स की दुनिया में खो रहे थे और एक-दूसरे के होंठो को दांतों से काटने लगे। हम चाह रहे थे कि एक-दूसरे के होंठो और जीभ के रस की एक एक बूंद चूस लें।

रणबीर कुर्सी पर बैठ गया और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। मैंने घुटनें मोड़ कर कुर्सी पर रखे और हाथ रणबीर के कंधों पर रखकर उसकी गोद में बैठ गई। मेरे बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ उसकी आंखों के सामने लहराने लगे। रणबीर ने एक हाथ से मेरे एक बूब को दबाते हुए दूसरे को मुंह में भर लिया और एक हाथ से मेरी पीठ सहलाने लगा। मैं अपने हाथ कुर्सी पर रखकर अपने बूब्ज़ रणबीर के मुंह पर दबाने लगी और नीचे से गांड हिला कर उसके लंड को चूत पर रगड़ने लगी।

रणबीर बहुत जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगा और निप्पलों को दांतों से काटने लगा। मैं बूब्ज़ उसके मुंह पर दबाते हुए और चूत से उसका लंड मसलते हुए रणबीर के बालों से खेलने लगी। रणबीर मेरी पीठ सहलाते हुए अपना हाथ मेरे चूतडो़ पर घुमाने लगा और अपनी एक ऊंगली मेरे गांड के छेद में धकेल दी।

मैं समझ गई कि लड़का नया जरूर है लेकिन चुदाई के बारे में सब जानता है। मैंने हाथ पीछे करके उसकी ऊंगली गांड से निकाल दी और उसकी दो ऊंगलियों को पकड़ कर अपनी गांड में घुसेड़ लिया। रणबीर ने मेरी आंखों में देखा और कहा दीदी आप तो काफी चुदी हुई लगती हो। मैंने उसको सेक्सी स्माईल दी और कहा हां मेरे छोटे भाई और आज तुझे भी चोदू बना दूंगी।

रणबीर नए मुझे खड़ी कर दिया और खुद मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं उसे खींच कर बाहर बारिश में ले गई और उससे ऐसे कसकर चिपक गई कि हमारे बीच हवा भी नहीं निकल सकती थी। हम दोनों सेक्स की आग में जल रहे थे और ऊपर से बारिश की ठंडी फुहारें आग को और भड़काने का काम करने लगीं।

हम दोनों पूरी तरह भीग गए और एक-दूसरे के कानों, गालों और गर्दन को चूमने और काटने लगे। रणबीर घुटनों के बल नीचे बैठ गया और मेरे नाजुक गीले पेट को चूमने लगा। वो मेरी गहरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा और हाथों से मेरे दोनों चूतड दबाने लगा। मैं मस्ती में आह… आह… करते हुए उसके बाल नोचने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

रणबीर ने मुझे गोद में उठाया और अंदर ले आया। हमने एक-दूसरे के बदन को टॉवेल से अच्छी तरह साफ किया और रणबीर ने मुझे बैॅड पर लेटा दिया। वो मेरे ऊपर 69 की अवस्था में आ गया और मेरी टांगें खोल दीं। रणबीर मेरी चूत के दाने को जीभ से रगड़ने लगा और मैं उसके लंबे मोटे लंड के लाल सुपाडे़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगी। अचानक रणबीर ने लंड को नीचे दबा दिया और लंड मेरे मुंह में घुस गया। रणबीर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ कर चाटने लगा और मैं अपना सिर ऊपर-नीचे करके उसका लंड गले की गहराई में उतार कर चूसने लगी। लंड और चूत जोर जोर से चूसने की वजह से रूम में फच… फच… और पुच… पुच… की आवाज़ें गूंजने लगीं।

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