Meri Bhabhi Mere Dost Se Chudi

raj67003 2017-10-16 Comments

यह उस समय की बात है जब मै अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी के लिए दिल्ली आया था। दिल्ली में मेरे भैया रहते थे उनकी शादी ५ साल पहले हुई थी लेकिन अभी कोई बच्चा नहीं था। मेरी नौकरी एक कंपनी में लग गई। मेरी ड्यूटी शिफ्टों में लगती थी। उसी समय मेरा दोस्त मनीष भी नौकरी केलिए दिल्ली आया।

मैंने भैया से पूछा की उसे जब तक नौकरी नहीं मिलती वो हमारे साथ ही रह ले तो वो मान गए। मेरा दोस्त और मै हॉस्टल में रूम पार्टनर थे। इस लिए हमलोग हर चीज़ खुल के बात कर लेते थे कुछ भी छुपाते नहीं थे। मेरे भैया का बिज़नेस था और भाभी नौकरी करती थी।

भैया बिज़नेस के कारण काफी देर से घर आते थे और भाभी ५ बजे तक आ जाती थी। मै तो शिफ्ट में ड्यूटी के कारण कभी ६ से 3 बजे तक तो कभी 3 से १२ और कभी १२ बजे से ७ बजे तक बहार रहता। घर में भाभी और मनीष कई बार अकेले रहते थे।

भाभी मेरी ५’३” हाइट की थी और जयादा पतली नहीं थी पर मोटी नहीं थी। गोरी थी। हलाकि मैंने उन्हें बिना कपड़ो के देखा नहीं था पर उनके बूब्स बड़े लगते थे। करीब १५ दिन के बाद एक दिन मनीष ने मेरे से पूछा राज तुझे कभी भाभी को चोदने का मन नहीं करता तो मैंने उसे डाटा क्या बात कर रहा है चुप कर तब उसने कहा यार मुझे तो उन्हें चोदने का बहुत मन कर रहा है देखता नहीं उनके बूब्स और चूतड़ कितने मस्त लगते है।

तब मैंने कहा अबे साले तेरे साथ मुझे भी घर से निकल दिया जायेगा कुछ ऐसी वैसी हरकत मत कर देना। तब उसने कहा अगर तू कहे तो मै उन्हें पटा लू तब तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगा। मैंने कह दिया तो पटा ले अगर पटती है तो पर ध्यान रखना साले अगर अगर कुछ बुरा हुआ तो में तुझे छोडूंगा नहीं।

तब उसने कहा मत छोड़ना अगर पट गई तो तुझे भी दिलवा दूंगा। उस दिन हमारी बात ख़तम हो गई और हम लोग सोने लगे। अब मै मनीष की बाते सोचने लगा तो सही में मेरी भाभी मॉल लगने लगी उनके बूब्स चूतड़ सब मस्त लगने लगे मेरा लंड आज पहले बार भाभी के नाम पर खड़ा हुआ था काफी देर के बाद मुझे नीद आ गई सुबह देखा तो मेरा मॉल निकल गया था।

अब तो भाभी जब सामने आती तो चोदने का मन करता था पर मै कुछ कर नहीं सकता था। उधर मनीष अब भाभी के साथ किचेन में काम करता बाजार चला जाता घर के बहुत सारे कामो में भाभी का हेल्प करने लगा। कुछ दिन बाद मैंने पूछा क्या हुआ कुछ काम बना तो बोला बन रहा है जब हम किचेन में काम करते है तो कई बार उनके बूब्स और चूतड़ों को अनजान मानकर छू देता हु तो कभी कुछ बोला नहीं अब आगे देखो क्या होता है।

तब मैंने कहा की अरे यार जब तो उनके साथ होता है तो अपना फोन मेरे फोन से कनेक्ट कर दे मै भी तो सुनु क्या बात करता है। तब उसने कहा कर दूंगा पर तू गुसा मत करना मैंने कहा ठीक है। दो दिन बाद एक दिन शाम ६ बजे उसका फोन आया मैंने उठाया तो उधर से कोई आवाज नहीं आई मै समझ गया और उधर की बाते सुनाने लगा।

मनीष :- भाभी आज बहुत थकी हुई लग रही है

भाभी :- है आज ऑफिस में काम बहुत था और सर भी दर्द कर रहा है।

मनीष :- आप चाहे तो मै आपका सर मालिश कर दू।

भाभी:- नहीं नहीं तुम क्यों परेशान होंगे ठीक हो जायेगा।

मनीष:- अरे भाभी आप तो हद करती है कैसी परेशानी आप कपडे बदल केर आईये मै सर मालिश कर देता हु।

भाभी- अच्छा बाबा आती हु।

फ़ोन काट गया मै सोचने लगा मनीष क्या कर रहा होगा ये सोच केर मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मेरा काम में मन नहीं लग रहा था। तभी फिर फ़ोन बजा मै सुनने लगा।

मनीष- भाभी बेड पर लेट जाइये तो अच्छे से मालिश हो जाये गी।

भाभी- नहीं अभी चेयर पर ही कर दो।

मनीष – अच्छा थोड़ी देर कोई बात नहीं हुई फिर

मनीष – भाभी अच्छा लग रहा है।

भाभी- हा बहुत अच्छा लग रहा है।

थोड़ी देर के बाद मनीष ने पूछा भाभी कंधे भी मालिश कर दू तो भाभी ने कहा हा कर दो। मनीष- भाभी नाइटी थोड़ा लूज़ कर देंगी तो कंधे पर भी आयल लगा दू।

भाभी- अच्छा थोड़ी देर के बाद

मनीष- भाभी थोड़ा आगे झुकिए फिर थोड़ी देर के बाद

भाभी- अब रहने दो हो गया।

मनीष – अरे भाभी थोड़ा और करवा लीजिये अच्छा नहीं लग रहा है क्या।

भाभी- नहीं अच्छा तो लग रहा है पर अब रहने दो।

मनीष- अच्छा पर अगर आप लेट केर मालिश करवाती तो और अच्छा लगता।

भाभी – बाद में कर लेंगे आज बस रहने दो। रात में जब मै आया तो भैया भाभी सो चुके थे।

मैंने मनीष से पूछा आज क्या हुआ तब मनीष ने कहा अरे यार आज तो मजा आगया मालिश करते समय मेरा लंड पूरा खड़ा था और कईबार भाभी के कंधे से टकराया भी लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

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