Ishika Meri Chudakkad Padosan

Deep punjabi 2016-09-17 Comments

Sex Stories In Hindi

हेल्लो दोस्तों आपका दीप पंजाबी काफी दिनों बाद आपकी सेवा में एक नई कहानी लेकर हाज़िर है। पहले तो माफ़ी चाहता हूँ के आपको इतने दिन कहानी का इंतज़ार करना पडा। आप तो जानते ही हो घर के काम काज ही ऐसे होते है के मौज़ मस्ती के लिए बहुत कम समय निकलता है।

पिछले हफ्ते मैं रिश्तेदारी में एक शादी पे गया हुआ था। वहां मेरा कालज टाइम का दोस्त अक्षय भी आया हुआ था। ये कहानी मुझे उसने ही सुनाई और साईट पे छापने की विनती की।

सो आगे की कहानी उसी की ही ज़ुबानी..

हलो दोस्तों मेरा नाम अक्षय है ओर मैं पंजाब का ही रहने वाला हूँ।

मेरी उम्र 30 साल है और मेरी शादी हो चुकी है। मैं एक सरकारी जॉब करता हूँ। ये कहानी मेरी पत्नी मीनाक्षी की सहेली इशिका की है।

उसकी उम्र 27 साल, रंग गोरा, पंजाबी सूट में क्या क्यामत लगती है।

सो ज्यादा वक्त जाया न करते हुए सीधा कहानी पे आते है।

बात पिछले साल की है जब मेरा परिवार पंजाब से दिल्ली में काम की वजह से शिफ्ट हुआ था। मेरा रोज़ाना घर आना जाना बड़ा मुश्किल का काम था। सो दिल्ली में ही किराये के मकान में रहने लगे। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

कई दिनों बाद हमारे पड़ोस में एक नया परिवार रहने आया था। वो भी पंजाब से गया था पर उनका शहर कोई और था। परिवार में राजीव, इशिका और उनका 5 साल का बेटा गौरव था। राजीव एक कार बनाने वाली कम्पनी में काम करता था। अजनबी शहर में कोई अपने इलाके का मिल जाये तो सोचो केसा लगता है? बस वही हाल हमारा था।

कुछ ही दिनों में इस नए परिवार से अच्छी जान पहचान हो गयी और एक दूसरे के घर अक्सर ही आ जाया करते थे। मीनाक्षी और इशिका की भी गहरी दोस्ती हो गयी। वो दोनो आम बातो से लेकर बैडरूम तक की बाते आपस में शेयर कर लेती थीं।

वो घण्टो तक एक दूसरे के घर बैठकर बाते करती रहती। मेने कभी ध्यान नही दिया के क्या बाते करती है, परन्तु एक दिन रात को चुदाई के वक़्त मीनाक्षी ने बताया इशिका की सेक्स लाइफ अच्छी नही है। मेने उस दिन कोई ध्यान नही दिया और सेक्स करके सो गया।

एक हफ्ते बाद एक दिन राजीव के बेटे गौरव के जन्मदिन की छोटी सी पार्टी रखी गयी। जिसमें हम दो परिवारो के इलावा और कुछ ही लोग शामिल थे। मैं और मीनाक्षी पूरा दिन इशिका के घर ही रहे।

मीनाक्षी को अँधेरा होने से पहले घर भेज दिया और खुद वहां अकेला रुक गया। देर रात तक पार्टी चलती रही। मैं शुरू से ही ड्रिंक नही करता था, परन्तु उस दिन राजीव के ज्यादा ज़ोर डालने पे थोड़ी सी दारू पी ली थी।

मेरा ये पहला तज़ुर्बा था, कड़वी कड़वी दारू आँखे बन्द करके पी गया। दो पेग में ही मेरा दिमाग चकराने लगा ओर घबराहट सी महसूस होने लगी और एक बार उलटी भी आ गयी। सारे कपड़े खराब हो गए।

राजीव ने मुझे अपने कपड़े पहनने के लिए दिए। मेने राजीव को बोला, ”यार मुझे घर तक छोड़ दो, मुझे चक्र आ रहा है। वेसे भी मीनाक्षी मेरा इंतज़ार कर रही होगी। वो घर पे अकेली है।

वो बोला,” इसे भी अपना ही घर समझो, और मैं घर पे फोन करके बोल देता हूँ के दरवाजा अच्छी तरह से बन्द करके सो जाओ। अब चल जाकर मेरे कमरे में सोजा। अभी रात भी बहुत हो गयी है। कल सुबह घर चले जाना। मैं न चाहते हुए भी मुह हाथ धोकर मैं उसके साथ आकर उसके कमरे में आकर सो गया।

राजीव दरवाजा और लाईट बन्द करके बाहर पार्टी में चला गया। रात के करीब 12 बजे मेने महसूस किया। किसी ने पीठ के पीछे से मुझे हग किया हुआ है। जहाँ तक मुझे याद था मैं तो अपने घर गया ही नही था।

सो मीनाक्षी के होने का तो सवाल ही पैदा नही होता था। कही ये इशिका तो नही ये सोचकर मेने पलट कर टेबल लैंप जलाया तो देखा, वो इशिका ही थी। एक दम गहरी नींद में सोई हुई थी। खुले बाल, बड़ी सी नाइटी जिसके नीचे न पैंटी और न ब्रा कुछ भी नही था। उसका ये रूप देखकर काम देव मेरे दिमाग में सवार हो गया। मेने लाइट बन्द करके उसकी तरफ मुह कर लिया और सोचा ये शायद राजीव समझकर मेरे साथ लेट गयी है।

मैं हिम्मत करके एक हाथ से उसके बिखरे बालो को चेहरे से हटाने लगा। आगे से कोई विरोध न होने से मेरी हिम्मत बढ़ गयी। मेने दिल को मज़बूत करके उसके नरम नरम होंठो को चूम लिया। गहरी नींद की वजह से फेर कोई विरोध नही हुआ।

इधर मेरा लण्ड पायज़ामा फाड़कर बाहर आने को बेकरार था। मेने उठकर पहले दरवाजा अंदर से अच्छी तरह लॉक किया और दुबारा अपनी जगह पे आने से पहले अपना पायजामा उतार दिया और सिर्फ कुर्ते में ही इशिका के साथ आकर लेट गया। मेने इशिका की नाइटी आगे से उठाकर उसके मम्मो तक ऊपर करदी। उसका कोई भी विरोध नही हो रहा था। जिस से मेरी हिम्मत स्टेप बाय स्टेप बढ रही थी।

उसके ऊपर आकर उसके नरम नरम मम्मो को चूसने लगा। वो आगे से कोई जवाब नही दे रही थी। फेर हल्का हल्का पेट को चूमाँ। जब उसकी चूत में जीभ लगाई तब उसकी आह्ह्ह्ह्ह् निकल गयी।

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