Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 16

iloveall 2017-02-17 Comments

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अनिल काफी फुर्ती दिखाते हुए आगे निकल गए। वह मुझे आगे बढ़ने का बारबार प्रोत्साहन दे रहे थे। अपने आपको कैसे सम्हाला जाये और कैसे संतुलन बनाया जाये उसके बारें में भी अनिल दूरसे ही चिल्ला कर कहते जा रहे थे। रास्ता कठिन था। बिच बिच में पत्थर पर पाँव रखने पर पाँव फिसल भी जाते थे। पर अनिल हमेशां मुझे देखते रहे थे की कहीं मैं गिर न जाऊं या मुझे कोई चोट न पहुंचे। हमारे साथ में एक और लड़का था वह थक गया था और एक झरने के पास बैठ अपने पाँव धोने लगा। उसने हमें कहा की वह थोड़ा आराम कर वापस चला जायगा। अनिल पर शिखर तक जाने की धुन सवार थी और मैं भी बिच रास्ते से वापस जाने के मूड में नहीं थी।

अनिल मुझसे काफी आगे पहाड़ी के ऊपर चढ़ चूका था। और ऊपर खड़ा होकर मुझे चढ़ते हुए देख रहा था। वह बार बार मुझे, “बहोत अच्छे, शाबाश। अब तो हम बस पहुँच ने वाले ही हैं।” इत्यादि बोल कर मेरा हौसला बढ़ा रहे थे और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। मुझे अनिल की यह बात बहुत भायी। अनिल की बातों में अपना पन था। वह मुझे अकेला छोड़ना नहीं चाहते थे। उस समय उनकी नजर में कोई लोलुपता नहीं बल्कि उनका व्यवहार एक लीडर अपने सहयोगी को कैसे मार्गदर्शन करता है उसका उत्साह बढ़ाता है वैसा ही था।

तब अचानक मेरा पाँव एक पत्थर पर पड़ा और मैं फिसल गयी और पहाड़ी से निचे गिरने लगी। जब अनिल ने मुझे गिरते हुए देखा तो वह कूद पड़े और मुझे पकड़ने के लिए पथरीले ढलाव पर उन्होंने फिसलना शुरू किया और देखते ही देखते वह मेरे पास आ गए और उसने मुझे बांहों से पकड़ कर थाम लिया और निचे खाई में गिरने से बचा लिया। मैंने देखा की ढलाव पर फिसलने से उनके कपडे फट गए थे और उनके पॉँव और हाथ छिल गए थे। उनके हाथ और पाँव से खून बह रहा था। थोड़ी मामूली सी चोट मुझे भी आयी थी, पर मैं ठीक थी। मैंने अपने सलवार को फाड़ कर अनिल के घाव पर पट्टी बाँध दी और अनिल को अपनी बाहों में लेकर मैं एक पेड़ के निचे बैठ गयी। हम दोनों श्रम से हांफ रहे थे और पसीने से तर थे।

मैं काफी डरी हुई थी। मैं अनिल से लिपट गयी और उनकी छाती पर अपना सर रख कर रोने लगी। अनिल मुझे सहलाने लगे और मेरे आंसू पोंछने लगे। उनका मेरे बदन पर हाथ फिराना मुझे अच्छा लग रहा था। अनिल के करीबी बदन से बदन लिपट ने से मेरे बदन में एक अजीब सा रोमांच होने लगा। इसके पहले भी कई बार मुझे अनिल को देख मनमें एक अजीब सी टीस का अनुभव होता था। पर उस समय जबकि मैं अनिल की बाहों में थी और अनिलने मुझे बचाने के लिए अपनी जान का जोखिम उठाया था तब मुझे अनिल का बड़े प्यार से मेरे बदन पर हाथ फिराना अत्यंत उत्तेजित कर रहा था।

मैं एक छोटी बच्ची की तरह थोड़ा पलट कर अनिल की गोद में लेट गयी और उनके एक हाथ की उँगलियों के साथ प्यार से खेलने लगी। अनिल दूसरे हाथ से मेरे बालोंमें, मेरे सिर पर, गाल पर और नाक पर अपना दुसरा हाथ फेर रहे थे की अचानक उनके हाथ मेरे स्तन पर जा टिके।

वह थोड़ा हिचकिचाने लगा। उसे लगा की शायद मुझे अच्छा नहीं लगेगा, तो फिर उसने धीरे से मेरे स्तनों के पास हाथ रखकर मेरे कान में फुसफुसाते हुआ पूछा, “क्या मैं इनको छू सकता हूँ?” मैंने बिना बोले ही फुर्ती से अपना सर हिला कर उसे इजाजत दे दी।

फिर क्या था? अनिल के हाथ मेरे स्तनों को दबाने, महसूस करने और अंदर उंगली डाल कर मेरे स्तनों की नरमाई को अनुभव करने में लग गए।

मैंने अपना सर ऊपर उठाया एक हाथ से उनके सर को पकड़ कर निचे की और झुकाया। और अनायास ही मेरे होंठ उनके होंठ से जा मिले। उसने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और हम दोनों एक दूसरे से गहरे चुम्बन में बंध गए। अनिल ने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाली और मेरा रस अनिल चूसने लगा। मैं अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पा रहीथी। मेर लाख रोकने पर भी मेरा मन मेरे काबू से बाहर हो गया। जब अनिल ने अपना हाथ मेरे कुर्ते में डाला तो मैं उसे रोकने के बजाय उसकी सहायता करने लगी।

अनिल ने मेरे कुर्ते के बटन खोल डाले और अंदर की ब्रा को ऊपर उठाकर मेरे स्तनों को चूमने लगा। मुझे इतनी उत्तेजना और रोमांच का अनुभव हो रहा था, की माँ की इतनी सारी हिदायतों के बावजूद भी मै अनिल से अपनी चूचियों को चुस्वाने के लिए बड़ी उत्सुक हो रही थी। पता नहीं मुझ पर क्या भूत सवार हो गया था।

अनिल ने तब मुझे रोका और कहने लगे, “अनीता, मैं एक जरुरी बात आप से कहना चाहता हूँ। मैं सच्चे दिलसे आपको चाहने लगा हूँ। मैं आपको अपनी बनाना चाहता हूँ। पर यहां मुझे एक बात आपको जरूर कहनी होगी। देखो अनीता, मैं स्वभाव से ही ज्यादा सेक्सी हूँ। मुझे सेक्स की बड़ी भूख है। मैं तुम्हारे सामने यह कबुल करता हूँ की मैंने कुछ लड़कियों से सेक्स भी किया है। यह मेरी कमजोरी है और मैं उसे आपसे छुपाना नहीं चाहता। और हाँ, हो सकता है की आगे चलकर कभी मैं तुम्हारे अलावा कोई और लड़की से सेक्स कर बैठूं तो क्या तुम मुझे धोखेबाज समझकर छोड़ तो नहीं दोगी?”

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