Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 10

iloveall 2016-09-01 Comments

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Sex Stories In Hindi

अनिल उसे देखता ही रह गया। नीना की कमर ऐसे लग रही थी जैसे दो पर्वतों के बिच में घाटी हो। उसके उरोज से उसकी कमर का उतार और फिर उसकी कमर से कूल्हों का उभार इतना रोमांचक और अद्भुत था की देखते ही बनता था।

उसके सर को छोड़ कहीं बाल का एक तिनका भी नहीं था। उसके दो पांव के बिच में उसकी चूत का उभार कोई भी शरीफ आदमी का ईमान खराब कर देने वाला था।

उसकी योनि के होठ एकदम साफ़ और सुन्दर गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे। उसकी योनि में से रस चू रहा था। वह नीना के हालात को बयाँ रहा था।

अनिल ने आगे बढ़कर नीना को अपनी बाहों में लिया। उस रात मेरी शर्मीली पत्नी ने यह मन बना लिया था की आज वह मेरी ख्वाहिश पूरी करेगी। वह अनिल की बाँहों में समां गयी और शर्म से अपनी आँखें झुका ली।

अनिल को तो जैसे स्वर्ग मिल गया। वह अपने हाथोँ से नीना के नंगे बदन को सहला रहा था। उसके दोनोँ हाथ नीना के पीछे, उसकी रीढ़ की खाई में ऊपर नीचे हो रहे थे। कभी वह अपना हाथ नीना के चूतड़ों के ऊपर रखता और नीना की गाँड़ के गालों को दबाता, तो कभी अपनी उंगली को उस गांड के होठों के बिच की दरार में डालता था।

उसने मेरी पत्नीको इस हालात में देखने की कल्पना मात्र की थी। उसे यह मानना बड़ा अजीब लग रहा था की तब नीना का वह बदन उसका होने वाला था।

अनिल नीचे झुक कर नीना के पीछे गया। वह अपना सर ऊपर कर मेरी और देखते हुए बोला, “क्या मैं नीना के कूल्हों को महसूस कर सकता हूँ? मैं कई महीनों से, जबसे मैंने नीना भाभी को पेहली बार देखा था तबसे इन कूल्हों को सहलाने के लिए तड़प रहा हूँ।”

नीना ने डरते और हीच किचाते हुए मेरी और देखा। मैंने अपनी पलकें हिलाके अनिल को अपनी अनुमति दे दी। अनिल ने तुरंत ही मेरी बीबी की सुडौल गांड के दोनों गालों को चूमा और चूमता ही गया।

नीना की गांड का घुमाव और उसकी वक्रता में अनिल अपनी जीभ घुसा कर उन्हें चूमने और अपने हाथों से सहलाने लगा। जब उसने नीना की गांड के छिद्र में अपनी जीभ घुसाई तो नीना के बदन में कम्पन होने लगा।

मैं उन दोनो की और आगे बढ़ा। मैंने धीरे से अनिल को खड़ा किया और नीना का हाथ अनिल की टांगों के बिच में रखा और उसके लंड को हिलाने के लिए उसे प्रोत्साहित किया। नीना जैसे मेरा इशारा समझ गयी और अनिल के लंड को उसके पाजामे के उपरसे सहलाने लगी।

मैं धीरे से अनिल के पीछे गया और अनिल के पाजामे का नाड़ा मैंने खोल दिया। अनिल तो पागल हुआ जा रहा था। जैसे ही उसका पाजामा फर्श पर गिरा तो उसका लंबा और मोटा लण्ड हवा में लहराने लगा। तब वह एकदम कड़क हो चूका था।

वह बिलकुल बिना झुके अपना सर उठा के खड़ा हुआ था। ऐसे लग रहा था जैसे वह नीना की चूत की और जाने को मचल रहा था। अनिल के नंगे होते ही नीना की आँखें अनिल के लण्ड पर टिक सी गयी।

अनिल का लण्ड मेरे लण्ड से थोड़ा लंबा और मोटा भी था। जैसे ही अनिल का पाजामा नीचे गिरा नीना का हाथ अनायास ही अनिल के लण्ड को छू गया।

अब तक मेरी प्यारी बीबी ने कोई पराये मर्द का लण्ड देखा नहीं था। उसके लिए तो यह एक अजूबा सा था। इतना मोटा और लंबा लण्ड देख नीना के चेहरे की भाव भंगिमा देखते ही बनती थी।

वह क्या सोच रही थी, मैं उसकी कल्पना ही कर सकता था। शायद वह यह सोच रही होगी की कभी न कभी तो उस लण्ड को उसकी चूत में घुसना ही था। उस समय उसका क्या हाल होगा उसे कैसा महसूस होगा शायद वह यही सोच रही होगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

यह सोच कर थोड़ी देर के लिए नीना जैसे ठिठक सी गयी। फिर नीना ने से धीरे से अनिल का लण्ड अपने हाथ में लिया। वह अपनी मुठी में उसे पूरी तरह से ले न पायी, पर फिर भी उसने अपनी आधी मुठी से ही अनिल के लण्ड को सहलाना शुरू किया।

अनिल का लण्ड थीड़ी सी रोशनी में भी चमक रहा था। अनिल की तरह उसका लण्ड भी गोरा था। उसकी पूरी गोलाई पर उसका पूर्व रस फैला हुआ था। चारों और से चिकनी मलाई फ़ैल जाने के कारण वह स्निग्ध दिख रहा था।

सबसे खूबसूरत उसकी पूरी लंबाई पर बिछी हुयी रगें थीं। उसकी गोरी चमड़ी पर थोड़ी सी श्यामल रंग की नसोँ का जाल बिछा हुआ था। जिस वक्त नीना ने अनिल का लण्ड अपने हाथ में लिया उसके लण्ड की चमड़ी के तले बिछी हुयी नसोँ में जैसे गरम खून का सैलाब फर्राटे मारता हुआ दौड़ने लगा। उसकी नसें फूल रही थीं। अनिल का लण्ड पूरी तरह अपनी चरम ताकत से खड़ा था।

अनिल के तने हुए लण्ड को देख नीना के गाल एकदम लाल हो गए। उसे महसूस हुआ की वह अपने पति के मित्र के सामने नंग धड़ंग खड़ी थी और उसके पति का मित्र भी नंगा उसके सामने खड़ा था और अपने लंबे, मोटे लण्ड का प्रदर्शन कर रहा था।

ऐसा वास्तव में हो सकेगा यह कभी उसने सोचा भी नहीं था। हाँ उसने कभी अपने सपने में ऐसा होने की उम्मीद जरूर की होगी। नीना के मुंह के भाव को अनिल समझ गया और उसने मेरी पत्नी को अपने आहोश में लेकर थोड़ा झुक कर पहले उसके गालोँ पर और फिर उसके होठों पर होने होँठ रख दिए और वह नीना को बेतहाशा चूमने लगा।

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