Mera Sexy Parivar – Part 1

Dilwala Rahul 2016-08-19 Comments

(ताई कपडे धो कर सीधा अंदर आयी, उसके 70 प्रतिशत से ज्यादा दूध दिख रहे हैं, लंबी-चौड़ी सीने वाली देहाती ताई बहुत ही कामुक लग रही है, मन कर रहा है अभी रंडी को नंगी करके गांड में लण्ड पेल दूँ)

ताई- राहुल बेटा चल नाश्ता कर ले, तू भी खा ले रे कुछ पंखु.

मैं- जी ताई जी, नाश्ता लगा दो.

(फिर पंखुड़ी, मैं, ताई और चाची एक साथ डायनिंग टेबल पर नाश्ता करते हैं, नाश्ता करते करते पंखुड़ी मेरे चेहरे पर गुस्से और आक्रोश से देख रही है मानो अभी मारे मुझे, फिर मुझे कुछ शरारत सूझती है, मेने अपने नंगे पैर के अंगूठे से पंखू की चूत में टच किया जिससे पंखू सिहर गयी और घबरा भी गयी, मेरी तरफ आँख घूरा कर देखने लगी. फिर मैं अपने पैर के अंगूठे से पंखू की चूत की मसाज करने लगा, पंखू सिसकारियां भी भरने लगी)

पंखू- अह्ह्ह्ह्ह्ह…

ताई- क्या हुआ पंखू, ऐसे आह क्यों भर रही है.

पंखू- अह्ह्ह्ह कुछ नहीं माँ, ऐसे ही.

(चाची पंखू की अश्लील कामुक आवाज़ें सुनकर हंसने लगी, 10 मिनट के बाद पंखू की गुलाबी रसभरी जवान लचीली चूत ने पानी छोड़ दिया और पंखू निढाल हो गयी, चाची सब कुछ समझ गयी लेकिन चाची ने रंग में भंग डालने का काम नहीं किया.

नाश्ता करने के बाद मैं चाची के साथ गौशाला गया, चाची को काली मोटी भैंस का दूध निकालना है, चाची गौशाला में काम करने लगी, उसके बाद जमीन पर बैठकर दूध निकालने लगी, दूध निकालते हुए चाची के काले विशालकाय दूध भी स्पष्ट दिख रहे हैं.

चाची काली भैंस की छोटी बहन लग रही है, प्रौढ़ अवस्था में मोटी भरे हुए बदन की, सुडौल काले वक्ष वाली, मेरा केला बड़ा करने वाली मेरी 42 वर्षीय सपना चाची ने मुझे अपने इस वीभत्स नज़ारे से आगोश में भर लिया है, मेरी आँखें ये सीन देखकर चौंधिया गयी हैं, चाची की काली गांड और काली चूत में लण्ड भिगोकर पेलने की मेरी इच्छा होने लगी है,

मेरा विशालकाय लम्बा लण्ड पैजामे में खड़ा हुआ झटके और हिचकोलेे मारने लगा है जो साफ साफ दिख रहा है और शायद चाची की भी पैनी नजर उसमे पड़ गयी और चाची मेरे पैजामे में उभारों को निहारते हुए हंसने लगी और मुझ से बातें करने लगी)

मैं- हंस क्यों रही है चाची?

चाची- ऐसे ही, अब हंस नही सकती क्या? अच्छा ये बता कि पंखू नाश्ता करते वक्त तरह तरह की आवाज़ें क्यों निकाल रही थी?

मैं- उसे पता नहीं क्या हो जाता है कभी कभी, ऐसे ही आवाजें निकलती है, कभी कभी तो मुझ से लिपट जाती है और ऐसे ही आवाज़ निकलती है.

चाची- ओह, तुझ से लिपट कर भी ? कितनी बेशर्म है वो, पुरे गाँव में बदनाम हो रखी है पता है तुझे?

मैं- नहीं चाची, कैसी बदनाम, बताओ मुझे भी?

चाची- चल छोड़, रहने दे, तू बता देगा उसे.

मैं- चाची नहीं बताता तेरी कसम.

चाची- सुन, ताई को भी मत बताना, मुझे मार पिटवायेगा वरना तू.

मैं- अरे ऐसे कोई कैसे मार देगा मेरी प्यारी खूबसूरत चाची को.

चाची- चल हट बदमाश, मैं और खूबसूरत, तेरी आँखें खराब हो गयी बेटा.

मैं- नहीं चाची, मेरे लिए तो तू एक दम मस्त, जवान, खूबसूरत मल्लिका है.

चाची- छी छी छि.. क्या क्या बोलता है अपनी चाची को, शर्म नहीं आती क्या?

मैं- नहीं चाची तू एक दम फिल्म की हिरोइन लगती है.

(चाची खुश हो जाती है और शर्मा जाती है, मेरी चुतिया मोटी,काली,छोटी चाची को मैं झूट बोलकर बेवकूफ बना रहा हूँ और वो बन भी रही है)

मैं- अच्छा सब कुछ छोड़, तू पंखू की बात बता जल्दी.

चाची- अच्छा सुन, वो गंदे गंदे काम करती है पुरे गाँव में हर किसी के साथ, कभी लाला के साथ तो कभी मोची के साथ, एक दिन सब्जी मंडी में 2 आदमियों के साथ गंदा काम कर रही थी, नाक कटवा दी हमारे खानदान की उस हरामण ने, 3 बार तो बच्चा गिरवाया उसका अस्पताल में, वो भी उससे पूछा तो उसे पता नहीं किसका बच्चा था, ऐसे गंदे काम करती है.

मैं- ओह बहनचोद, बहुत ही हरामी लड़की है, शर्म आती है इसे अपनी बहन बोलते हुये.

चाची- क्या बताऊँ बेटा, मैं खुद परेशान हूँ, मेरी भी जवान बेटी है घर में झिलमिल, अब उसकी संगत में रही तो वो भी कहीं उसी की तरह न हो जाये.

मैं- नहीं चाची, मैं समझाऊंगा झिलमिल को, बच्चो को समझाना बहुत जरुरी होता है वरना वो गलत रास्ते में चले जाते हैं, बच्चों से खुलकर बात करनी होती है. चूत, लण्ड, चुद्दम चुदाई, गांड, सब कुछ उन्हें बताना होता है.

चाची- हाय दय्या, छीछी… कितने गंदे गंदे शब्द बोल रहा है तू, ऐसा मत समझाना मेरी बच्ची को, समझाने के चक्कर में कहीं बिगाड़ दिया तूने उसे, वो यही गंदे गंदे शब्द घर में बोलती रहेगी फिर.

मैं- अरे मेरी भोली प्यारी, सेक्सी चाची, आज रात को झिलमिल को साथ में बैठकर समझायेंगे, ठीक है?

चाची- ठीक है मेरे बेटे, अब घर चल, वरना ताई सोचेगी की तबेले में चाची भतीजा पता नहीं क्या कर रहे हैं.

(और हम दोनों हंसने लगे और घर की ओर चल दिए जहाँ ताई पंखू को झाड़ू से मारे जा रही है, बाद में मारने का कारण पता चला कि पंखू फिर से पेट से है, सही में बहन की लोड़ी ने खानदान की पुरे समाज में नाक कटवा दी)

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