Vidhwa Teacher Ke Sath Pehli Baar – Part 2

Deep punjabi 2018-03-13 Comments

This story is part of a series:

मुझे अपने आप पे गर्व महसूस हो रहा था के सारे स्कूल में सिर्फ मैं ही ऐसा बच्चा होऊंगा जिसने अपने स्कूल की प्रिंसिपल को चोदा होगा। अब बात थी के इस काम के लिए पहल कौन करे।

अब बात थी के इस काम के लिए पहल कौन करे। फेर पता नही मैडम ने ये सोचा होगा के एक तो बड़ी मुश्किल से ये सेक्स के लिए माना है। शायद शर्माने की वजह से काम से मुकर ही न जाये।

मैं इन्ही सोचो में डूब हुआ था के किरन ने मुझे बैड पे धकका देकर खुद ऊपर आकर मुझे चूमने लगी। उसके एक दम से किये हमले से मैं सम्भल नही पाया। फेर खुद को थोडा कण्ट्रोल करके मैं भी उनकी चूमा चाटी में मदद करने लगा। मैडम ने हाथ से रुकने का इशारा किया तो मैं रुक गया।

वो — ऐसा करो अपने कपड़े उतार दो, क्योंके हमने स्कूल वापिस भी जाना है। तो अगर कपड़े खराब हो गए तो किसी को शक हो सकता है।

मुझे उसकी बात जच गयी और हमने एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिए। इस बार मैं उसके ऊपर और वो मेरे निचे लेटी हुई थी। मेने उसका एक एक अंग बड़ी शिदत से चूमा। नौसिखिया होने की वजह से मैं ज्यादा कुछ नही जानता था।

इस बात को वो भी शायद समझ गयी थी। तो उसने मेरी मजबूरी को ध्यान में रखते हुए मुझे लेटने का इशारा किया। मैंने उस दिन से पहले कभी भी किसी लड़की को टच तक नही किया था। बस ब्लू फिल्मो में देखा था के कैसे लोग, लड़की के आगे पीछे डालते है। मेरा पहला अनुभव होने के कारण मैं डर भी रहा था के पता नही क्या होगा?

मैडम मुझे बार बार चूम रही थी और मेरी नंगी पीठ पे हाथ भी फेर रही थी। लेकिन मुझपे कोई असर नही हो रहा था। मैडम समझ गयी के इसे कोई टेंशन है।

वो — एक बात सुनो अमन, मज़ा लेना है तो दिमाग में जो है, उसे निकाल दो, फ्रेश दिमाग से महसूस करो। क्योंके यदि ऐसे ही टेंशन लेकर पड़े रहोगे तो न मैं मज़ा ले पाऊँगी न तुम। सो अपना नही तो मेरा तो कुछ सोचो।

मुझे उसकी बात अच्छी लगी। तो मन की टेंशन ये कहकर छोड़ दी के जो होगा देखा जायेगा। फेर मैडम मेरे ऊपर आई और मेरे माथे से लेकर मेरे लण्ड तक एक एक इंच जगह को अपने कोमल होंठो से चूमने लगी। अब मेरे शरीर में भी काम लहर उठने लगी थी। मेरा मुरझाया लण्ड सख्त रोड की तरह खड़ा हो गया था। जिसे देखकर उसकी सूनी आँखों में चमक आ गई।

वो बिना समय गंवाए मेरे लण्ड को मुठी में लेकर हिलाने लगी। तना हुआ लण्ड मैडम की मुठी से बाहर झांक रहा था। मैडम ने हल्के हल्के मेरे लण्ड का सुपाड़ा खोलना शुरू किया। जो के मैंने मेरे मुठ मारने की वजह से पहले ही खोलने लायक बना लिया था।

जब मेरे लण्ड का गुलाबी भाग नज़र आया तो मैडम ने बिना समय गंवाए उसे मुंह में ले लिया। मैं तो जैसे आसमान की सैर पे निकल गया। मेरी आँखे बन्द हो गयी और मुझे बीती हुई रात की देखी सेक्सी फ़िल्म याद आ गयी। जिसमे एक नर्स, हॉस्पिटल के बैड पे पड़े मरीज़ का लण्ड निकाल कर मन भरने तक चुस्ती है और फेर उसका वीर्य अपने मुंह में लेकर निगल जाती है।

मैं खुद को वो मरीज़ और मैडम को वो नर्स मान रहा था। मैं इन्ही सोचो में डूबा हुआ ही था के मुझे लगा मेरा काम होने वाला है तो मैंने मैडम का मुंह पकड़कर निचे से अपनी गांड ऊपर निचे करके मैडम का मुंह चोदने लगा। मेरे इस तरह के वव्हार से वो अचंभित हो गयी और मेने अपने गर्म गर्म वीर्य से उसका पूरा मुंह भर दिया और खुद लेटा हुआ बेड पे ही हांफता रहा।

मैडम को शायद मेरी ये बात अच्छी नही लगी। लेकिन फेर भी उसने कुछ नही कहा, बल्कि मेरे पहले रस्खलन की बधाई दी, और अपनी जीभ से मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ कर दिया। जब मेरी सांसे कण्ट्रोल में हुई तो मेने उनसे अपने किये बुरे बर्ताव के लिए माफ़ी मांगी।

उसने माफ़ कर भी दिया और कहा, चलो कोई बात नही, ये तुम्हारा पहला सेक्स था तो सब माफ़ है। लेकिन आगे से ऐसी गलती न करना। जब भी लगे के मेरा वीर्य निकलने वाला है तो बता देना। मैं मुंह से लण्ड निकाल लुंगी। इतना कहकर वो लेट गई और मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया। कद के हिसाब से मैं और किरण एक जैसे ही थे। मैडम ने लेटे लेटे ही अपनी गुंथी हुई चोटी खोल ली।

मैं — अरे, ये क्या किया आपने, स्कूल भी वापिस जाना है और आप बाल खोलकर लेट गई।

वो – ये मेरा 5 मिनट का काम है, तुम इसी चिंता न करो। तुम बस मज़े लो और मुझे भी लेने दो।

इतना कहते ही मैडम मुझसे लिपट गयी और मेरे होंठो को अपने होंठो में क़ैद कर लिया। मैं कभी उसके बालो में हाथ डालकर सहलाता, तो कभी उसके गोरे मांसल बदन को, थोड़ी देर में मैडम का बदन तपने लगा। उसकी आँखे भारी होने लगी।

इसका साफ मतलब था के मैडम पे काम खुमारी चढ़ गयी है। मैंने अपने दायने हाथ की बीच वाली बड़ी ऊँगली से मैडम की क्लीन शेवड चूत का ज़ायज़ा लिया। जो थोड़ी गीली गीली सी हो चुकी थी। चूत देखने में बहुत सूंदर थी। मैं जैसे जैसे ऊँगली चलाता गया। मैडम की जैसे जान निकल रही थी।

Comments

Scroll To Top